PhD Sabzi Wala: पंजाब के डॉ संदीप सिंह की प्रेरणादायक कहानी : अमृतसर, पंजाब की चहल-पहल भरी सड़कों पर हर दिन एक अनूठी कहानी सामने आती है, जो सफलता और शिक्षा की पारंपरिक धारणाओं को चुनौती देती है। ‘PhD Sabzi Wala’ के नाम से मशहूर डॉ. संदीप सिंह धैर्य और संकल्प के प्रतीक बन गए हैं। एक पीएचडी और चार मास्टर्स की डिग्रीयां रखने के बावजूद, डॉ. सिंह ने अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए सब्जियाँ बेचने के पेशे को अपनाया है।
यह आर्टिकल केवल आज के रोजगार बाजार में उच्च शिक्षित व्यक्तियों द्वारा सामना की जाने वाली कठोर वास्तविकताओं पर प्रकाश डालता है, बल्कि उस व्यक्ति के अदम्य इच्छाशक्ति को भी रेखांकित करता है, जो अपनी परिस्थितियों को अपनी कीमत या शिक्षा और शिक्षण के प्रति अपने जुनून को मंद नहीं करने देता।
PhD Sabzi Wala: शिक्षा और संघर्ष का संगम
डॉ. सिंह ने पंजाबी विश्वविद्यालय में दस वर्षों से अधिक समय तक पढ़ाया। जूनियर रिसर्च फेलोशिप के तहत पांच साल और अतिथि फैकल्टी के रूप में सात साल तक उन्होंने अपनी सेवाएँ दीं। हालांकि, वित्तीय संकटों के कारण उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय द्वारा दिया जाने वाला वेतन बहुत कम था और समय पर भी नहीं मिलता था। इस कठिनाई के बावजूद, डॉ. सिंह ने ‘PhD Sabzi Wala’ के नाम से एक सब्जी की गाड़ी शुरू की। वे सुबह मंडी जाते हैं सब्जियां खरीदने के लिए और शाम तक उन्हें बेच देते हैं।
If You Want To Read In English Then Click This Link
संदीप सिंह, जो वर्तमान में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉर्मेशन साइंसेज की पढ़ाई कर रहे हैं, अपने बच्चे को पढ़ाने और खुद की पढ़ाई के लिए समय निकालते हैं। उनका लक्ष्य भविष्य में बच्चों को पढ़ाना जारी रखना और अपना कोचिंग सेंटर खोलना है।
डॉ. सिंह कहते हैं, “मेरा सपना हमेशा शिक्षक बनने का रहा है। कोई भी मुझे अपने सपनों को पूरा करने से रोक नहीं सकता। सरकार पर निर्भर रहने की बजाय, मैं अपने दम पर अपने सपनों को साकार करूंगा।”
PhD Sabzi Wala की यह कहानी वास्तव में बेहद प्रेरणादायक और चिंतनीय है। अमृतसर के इस शख्स का जीवन यह दर्शाता है कि कैसे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद, कुछ लोगों को अपनी बुनियादी जरूरतों की पूर्ति के लिए ऐसे काम करने पड़ते हैं, जो उनकी शैक्षिक योग्यता से मेल नहीं खाते।
इस शख्स की कहानी एमबीए चायवाला के बारे में सुने जाने वाले किस्सों की याद दिलाती है, जिसमें एक उच्च शिक्षित व्यक्ति ने चाय बेचकर सफलता की नई इबारत लिखी। हालांकि, पंजाब के इस शख्स का मामला थोड़ा अलग है, क्योंकि यहां परिस्थितियों के चलते उन्हें अपनी शिक्षा के अनुरूप काम नहीं मिला और वे सब्जियां बेचने के लिए मजबूर हुए। इन तस्वीरों का सोशल मीडिया पर वायरल होना यह भी दर्शाता है कि लोग इस तरह की कहानियों से किस हद तक प्रभावित होते हैं और इसे समाज में व्याप्त बड़ी समस्याओं के रूप में देखते हैं।
यह न केवल शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कैसे प्रतिभाशाली और योग्य लोग भी कभी-कभी अनुचित परिस्थितियों के शिकार हो जाते हैं।इस तरह की कहानियां हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि समाज और सरकार के रूप में हमें ऐसे व्यक्तियों के लिए बेहतर अवसरों का सृजन करने की दिशा में काम करना चाहिए।
इससे न केवल इन व्यक्तियों की सहायता होगी, बल्कि यह समाज के लिए भी लाभकारी होगा, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति की क्षमता का सही उपयोग समाज की समग्र प्रगति में योगदान देता है।
Also Read :
Hit And Run Law : जानिए क्या है New Hit And Run कानून “विरोध क्यों कर रहे है ट्रक और बस ड्राइवर ?
IND vs SA 2nd Test:भारत को सीरीज ड्रॉ कराने के लिए जीत जरूरी;एल्गर का आखिरी टेस्ट