सत्र 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP ने अपनी घोषणाओ का एक पत्र “संकल्प पत्र” जारी किया था और इसी पत्र के जरिये किये गए वादों के दम पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की | आज 2024 के शुरूआती दिनों में हम कुछ अहम पहलुओं पर आकड़ो सहित आपका ध्यान आकर्षित करेंगे और ये चाहेंगे की आप स्वयं इसका आकलन करे की यह सरकार अपने उन वादों पे खरी उत्तरी है या नहीं |
शुरू करते है सुरक्षा प्रणाली के साथ :
पहला वादा : आतंकवाद के प्रति शुन्य सहनशीलता
2004 से 2013 के बीच हुए 9321 छोटे-बड़े आतंकवादी हमले हुए जो की 2014 से 2022 के बिच घटकर 2132 रह गए | आतंकवाद पर शुन्य सहनशीलता के प्रयासों की कड़ी में 2019 में जम्मू और कश्मीर से धारा 370 का हटना भी शामिल है जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने 2023 में पूर्णरूप से न्यायिक प्रक्रिया की मुहर लगा दी |
दूसरा वादा : आतंरिक सुरक्षा
NCB (National Crime Record Bureau) से मिले आकड़ो के अनुसार 2021 में 4 लाख 21 हज़ार आपराधिक मामले सिर्फ महिलाओ से जुड़े थे जो की 2012 के आकड़ो से 42% ज्यादा है | यहाँ तक की BJP शाषित राज्यों में भी आपराधिक गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है |
तीसरा वादा : पुलिस फाॅर्स का आधुनिकरण
साल 2020 में 16000 से ज्यादा पुलिस स्टेशन सामान्य जरुरी उपकरण जैसे वाहन, टेलीफोन इत्यादि से वंचित थे जो की क़ानूनी व्यवस्था बनाये रखने के लिए जरुरी संसाधन है, बावजूद इसके की इनके विकास के लिए 18636 करोड़ रुपये निर्धारित किये गए थे | यह योजना आज भी अपना सम्पूर्ण आकर लेने के लिए प्रतीक्षा कर रही है |
चौथा वादा : रक्षा खेत्र में आत्मनिर्भर बनना
सन्न 2016-2017 से हमारे रक्षा खेत्र के निर्यात में इजाफा हुआ है जो की 10 गुना का आकड़ा चुने के करीब है | उम्मीद है इस सन्न में यह आकड़ा 16000 करोड़ का आकड़ा छुएगा |
निष्कर्ष :
प्राप्त आकड़ो से यह साफ़ तौर पे देखा जा सकता है की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में BJP देश को बाहरी खतरों से सुरक्षित करने में सक्षम रही है लेकिन आतंरिक सुरक्षा में विफल होने के करीब है | उदाहरण के तौर पे आप मणिपुर की पिछले साल की त्रासदी का आकलन कर सकते है |
आकलन की इस अगली कड़ी में हम चर्चा करेंगे किसान, खेती और इनके विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाये गए अहंम कदमो की :
भारत शुरू से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है | लिहाजा देश की खाद्यान पूर्ति और न्यूनतम आयात के लक्ष्य को कितना हासिल किया है, आईये जानते है |
“संकल्प पत्र 2019” की माने तो प्रधानमंत्री की योजना किसानो की आय दुगनी करने की थी लेकिन इसके विपरीत यह 1.5% से गट गयी | इसके पीछे का कारण हमारा कमजोर संग्रहण प्रणाली को माना जा सकता है | ऐसा इसलिए क्योकि हमारे पास कुल उत्पादन का 53% स्टोर कर सके बस इतनी ही क्षमता है जो की अन्य देशो की 133% होती है |
खेती के उत्पादन को बढ़ावा देने में सिचाई व्यवस्था का मुख्य योगदान होता है और प्रधानमंत्री कृषि सिचाई योजना के आकड़ो के हिसाब से महज़ 47% काम ही पूरा हुआ है | हालांकि Land Digitization में सरकार ने 94% का आकड़ा छू लिया है जो की भविष्य में सटीक योजनाओ को मार्गदर्शन देगा |
खेती में किसानो का आत्मविशवास बरकार रखने के लिए BJP ने प्रधानमंत्री नरेंद्र् मोदी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री किसान मंधन योजना शुरू की जो 60 एवं उस से अधिक उम्र के किसानो के लिए है | ख़ुशी की बात है की अब तक 19 लाख लोग इस योजना के लिए पंजीकृत किये जा चुके है |
निष्कर्ष :
प्राप्त आकड़ो से यह देखा जा सकता है की BJP सरकार ने अभी तक खेती के क्षेत्र में वांछित उचाईयो को नहीं छुआ है लेकिन प्रयास करना शुरू कर दिया है | अभी तक की उपलब्धियों से यह BJP के लिए एक बड़ी जीत है |
बात की जाये राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) जो की सरकार के कुल आय और व्यय के बिच का अंतर होता है , का आकड़ा ज्यादा रहा| हो सकता है इसके पीछे का कारण कोरोना वायरस से फैली महामारी और रूस तथा यूक्रेन की जंग हो, लेकिन घाटा ज्यादा है तो है |
मार्च 2022 तक के आकड़ो से यह पता चलता है की BJP ने विदेशी निवेश के मामले में अच्छी बढ़त हासिल की है | UPA के 10 साल के कार्यकाल से 65% ज्यादा का आकड़ा BJP ने छुआ है |
UN Paper की माने तो भारत जैसे विकासशील देश का DEBT-GDP Ratio 40% से कम रहना चाहिए लेकिन यह 81% का आकड़ा छू रहा है |